संक्रामक रोग से बचने के उपाय Secrets



स्पर्श के माध्यम से फैलने वाले संक्रामक रोग :

संक्रामक रोगों के विशेषज्ञ और तोक्यो चिकित्सा विश्वविद्यालय अस्पताल के प्राध्यापक, हामादा आत्सुओ के अनुसार यह अस्पष्ट है कि नये उप-प्रकारों में से भावी प्रमुख उप-प्रकार कौन होगा। मानव कोशिकाओं के जुड़ने की इन सभी की क्षमता एक जैसी है और वे हमारे प्रतिरोधक तंत्र को चकमा देने में बेहतर हो गये हैं। हामादा का कहना है कि नये उप-प्रकारों के उभरने पर इस बात की सावधानीपूर्वक निगरानी की जानी आवश्यक है कि वे हमारे प्रतिरक्षण तंत्र को चकमा दे सकते हैं या नहीं, साथ ही वे कितने संक्रामक तथा रोगजनक हैं।

 इस समूह में वे रोग कारक आते हैं जो अन्तः श्वसन के माध्यम से शरीर में जाने के बाद संक्रमण और रोग को जन्म देते हैं। सामान्यतः प्राथमिक रोग प्रक्रिया श्वसन तंत्र से आरम्भ होती है और अंततः संक्रमण एक श्वसन से सम्बन्धित रोग (डिप्थीरिया, तपेदिक) अथवा श्वसन से असम्बन्धित रोग (चेचक, खसरा, कुष्ठ रोग) के रूप में सामने आता है। वायु जनित संक्रमण के फैलाने के मुख्य चार माध्यम हैं-

संपर्क के लिए खतरनाक समय उपचार से पहले ही होता है। एक बार जब दवाओं के साथ उपचार शुरू हो जाता है तो मरीज कुछ ही हफ्तों में गैर-संक्रामक हो जाता है।

हृदय संबंधी विकार – कुछ दुर्लभ मामलों में टीबी, दिल के आस-पास के ऊतकों को प्रभावित कर देता है। इससे ऊतकों में सूजन होने लगती है और तरल पदार्थ संग्रह होने लगता है जिस कारण प्रभावी रूप से दिल की पंप करने की क्षमता पर असर पड़ने लगता है। इस स्थिति को कार्डियक टैंपोनेड कहा जाता है, जो घातक स्थिति होती है।

मौसम में परिवर्तन का असर:तापमान में बदलाव से रोग-प्रतिरोधक क्षमता होती है कमजोर, घरेलू उपाय से बच सकते हैं

• दरवाज़े के कुण्डे और विद्युत उपकरणों के रिमोट कंट्रोल जैसी जो सतहें कई बार छूने में आती हैं उन्हें कीटाणुरहित करें।

अपने हाथों अथवा वस्तुओं से त्वचा-नेत्र इत्यादि को प्रत्यक्ष व परोक्ष रूप से छूने, खुरचने, check here खुजलाने से बचें।

तोक्यो चिकित्सा विश्वविद्यालय अस्पताल के प्राध्यापक हामादा आत्सुओ कहते हैं कि वर्तमान में सबका ध्यान ओमिक्रोन के उप-प्रकार एक्सबीबी और बीक्यू.

खांसने या छींकने के बाद अपने हाथों को छोएं

बासे खाने अथवा जूठन खाने से भी उपरोक्त रोग हो सकते हैं क्योंकि खाना पकाने के कुछ घण्टों में ही उसमें सुपाच्य आहार ग्रहण करने के लिये विभिन्न सूक्ष्मजीव पनप जाते हैं तथा जूठन में व्यक्ति की लार व त्वचा-सम्पर्क इत्यादि का समावेश हो सकता है (जैसे कि स्ट्रा अथवा गिलास से पानी पीते समय), खुले में शौच बन्द करने की आवश्यकता है एवं मलवाहिनियों (सीवेज-लाइन्स) को नैसर्गिक जलस्रोतों में मिलने से रोकना अतीव आवश्यक है।

व‍िटाम‍िन-डी, हमारी हड्ड‍ियों के ल‍िए एक जरूरी पोषक तत्‍व है। दूध, धूप और अन्‍य स्रोत के जर‍िए हमारे शरीर में व‍िटाम‍िन-डी की कमी दूर की जाती है। अगर क‍िसी कारण से आपके शरीर में व‍िटाम‍िन-डी की कमी है, तो हड्ड‍ियां कमजोर हो सकती हैं। ऐसे में आपको व‍िटाम‍िन-डी टेस्‍ट कराने की जरूरत पड़ सकती है।    

इस शृंखला में जानेंगे रिपोर्टिंग प्रणाली में हुए बदलावों और उनसे जुड़ी चिंताओं को। पहले अंक में रिपोर्टिंग प्रणाली के सरलीकरण पर एक नज़र।

हर्ट ने कहां बड़े जानवरों की यात्रा और गर्मी से संबंधित शोध को लेकर और जांच पड़ताल की आवश्यकता है। यह अध्ययन ओपन एक्सेस जर्नल पीएलओएस बायोलॉजी में प्रकाशित किया गया है।

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